चतुर तेनालीरामन
शब्दार्थ
शब्दार्थ
दरबारी - दरबार में बैठने वाले Court attendant
अशर्फी - सोने का सिक्का Gold Coin
उल्लंघन करना - नहीं मानना To violate
शत्रु - दुश्मन Enemy
पावन - पवित्र Holy
आश्चर्य - हैरानी Surprise
अंकित - छपा हुआ Printed
प्रशंसा - तारीफ़ Praise
पाठ को समझों
1. सही उत्तर चुनकर ✔ लगाओ-
क. तेनाली रामन किसके दरबार में थे?
राजापुष्प देवराय ☐ राजा रामदेवराय ☐ राजा कृष्ण देवराय ☑
ख. राजाने दरबारियों को कितनी कितनी अशर्फियों
पंद्रह-पंद्रह ☐ दस-दस ☑ बारह-बारह ☐
ग. अशर्फियों पर क्या अंकित था?
राजा का चित्र ☑ राष्ट्रीय पशु ☐ राष्ट्रीय फूल ☐
2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो -
मौखिक
क. राजा कृष्णदेव राय अक्सर क्या करते थे?
उ. राजा कृष्णदेव राय अक्सर दरबारियों की परीक्षा लेने रहते हैं
उ. राजा कृष्णदेव राय अक्सर दरबारियों की परीक्षा लेने रहते हैं
ख. अशर्फियां खर्च करने में क्या परेशानी थी?
उ. हर एक अशर्फी राजा का मुँह देखकर खर्च करनी थी।
उ. हर एक अशर्फी राजा का मुँह देखकर खर्च करनी थी।
ग. तेनालीरामन ऊपर से नीचे तक किस प्रकार सजे-धजे थे?
उ. तेनाली रामन ऊपर से नीचे तक पूरी तरह नए कपड़े, नए पगड़ी, गले में मोतियों की माला को सजे -धजे थे।
उ. तेनाली रामन ऊपर से नीचे तक पूरी तरह नए कपड़े, नए पगड़ी, गले में मोतियों की माला को सजे -धजे थे।
लिखित
क. तेनालीरामन के दरबारी शत्रु किस बात से खुश हो गए?
उ. तेनालीरामन द्वारा सारी अशर्फियां खर्च करने की बात सुनकर राजा उन पर क्रोधित हुए हैं और आज उनको
सजा अवश्य मिलेगी। इस बात से तेनालीरामन के दरबारी शत्रु खुश हो गए।
सजा अवश्य मिलेगी। इस बात से तेनालीरामन के दरबारी शत्रु खुश हो गए।
ख. तेनालीराम ने राजा की आज्ञा का पालन किस प्रकार किया था?
उ. प्रत्येक अशर्फी पर राजा का चित्र अंकित है। तेनालीराम ने उसे देख -देखकर ही अशर्फियाँ खर्च की हैं।
ग. राजा कृष्णदेव राय तेनालीराम से क्रोधित क्यों हो गए?
उ. राजा कृष्णदेव राय तेनालीरामन से इसलिए क्रोध हो गए कि वह उनकी आज्ञा का उल्लंघन किया है।
उ. राजा कृष्णदेव राय तेनालीरामन से इसलिए क्रोध हो गए कि वह उनकी आज्ञा का उल्लंघन किया है।